राम नाम है मुझमें तुझमें !

राम नाम है मुझमें तुझमें।
इसमें उसमें सबमे कुछ में।
मेरी बातें दिल में ले लो।
मै हूं कहता पूरी सच में।

राम नाम है मुझमें तुझमें...!

बात यही रामायण जी में।
तुलसी जी के गायन भी में ।
सबसे प्यारा सबसे सुन्दर 
रहो नही मन के मचमच में।
                  
राम नाम है मुझमें तुझमें ....!

यही नाम शिव का प्यारा।
हनुमत का रासायण सारा।
भक्त हृदय का न्यारा प्यारा।
राम रतन हैं सबके पछ में।
                 
 राम नाम है मुझमें तुझमें .....!

राम नाम कण कण पत्थर में।
पृथ्वी-ग्रह के हर चक्कर में ।
चलते-फिरते हर डग -मग में ।
पर्वत पाषाणों चकमक में।
                      
 राम नाम है मुझमें तुझमें....!

राम-धार अन्तस से चलता।
यही धार मन प्रेरित करता।
प्रेरक मन उद्वेलित करता ।
राम राम फिर जग सरबस में।
                         
 राम नाम है मुझमें तुझमें.....!
                        
-'प्यासा'

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