ग़ज़ल

हिन्दी कविता -हिन्दी ग़ज़ल हिन्दी कविता-हिन्दी ग़ज़लग़ज़ल 
🔥हमने देखे गजब बवाल थे राहों में।
🔥दूर-दूर तक अजब सवाल थे राहों में।
🔥कोई नही करता बीच बचाव किसी का,
🔥कब्रिस्तान से अदब बहाल थे राहों में।
🔥 कैसे तब्दील सभी शांति पर्व में-जहां ,
🔥देने वाले जरब* मताल* थे राहों में।
                                     -'प्यासा'
*जरब-चोट
*मताल-नशे में धुत्त 

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