कुण्डलियां छंद

एक कुंडलियां छंद- ❤️❤️
तज विनय-मूल,ज्ञान का,मन में रखे घमंड।
उसका निश्चय ही निकट,हो जाना है अंत।।

हो जाना है अंत, शुरू हो उल्टी गिनती ।
जबतक सीख न जाय, सभी से करना विनती ।।

'प्यासा' होय न ठीक,घमंडी तक का अभिनय ।पछताते ही रहे, जिसने डाली तज विनय।।
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