हिन्दी कविता -हिन्दी गजल यह ब्लॉग मेरे मौलिक रचनाओं का संग्रह है। यहां हिन्दी काव्य के सभी छंदों विधाओं काआप आनंद ले सकते हैं -मसलन चौपाई, दोहा, द्रुत विलम्बित छंद,गजल,चार लाइन की कविताएं इत्यादि, यहां तक आने वाले सभी भाईयों-बहनों और मित्रों को बहुत बहुत धन्यवाद नमस्कार 🙏 Vijay Kumar Pandey pyasa
~माँ शारदे वन्दना ~
दे के विद्या हर अविद्या, सरस्वती मां शारदे।
हर ले तम सारे हमारे ,नवल ज्ञान आधार दे।।
पुष्ट हो मजबूत हो सभी,ज्ञानी हों धनवान हो।
देश सभी के मन बसे,सभी देश प्रिय बलवान हों।।
बनो सभी की मां तू शक्त,सबके मुख में आबसो।
हृदय मे मां वीणा को दे,ज्ञान मस्तिष्क बन रसो।।
हम तुम्हारे पुत्र हैं, वरदाई हस्त माथे रखो।
कर रहें क्या जा रहे कहां आंखों से अपनी लखो।
ना फंसे कहीं राहों में निज द्रुत गति दे प्यार दे।
हम तुम्हें कही न भूलें रखें याद मन में शारदे ।।
--'प्यासा'
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हरिगीतिका छंद

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